सामाजिक एकता के लिए संकल्प लें

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज उसका लालन पालन कर्ता और संरक्षक दोनो होता है। इस लिहाज से हम कहते है कि हमारा समाज हमारी माँ की तरह है जो जन्म से लेकर मरते दम तक निरंतर अपने बच्चे की देख भाल में निश्वार्थ भाव से लगी रहती है। तो उस माँ समान समाज के प्रति उनकी संतान की तरह हमारा भी तो फ़र्ज़ बनता है
हम सब अपनी जिम्मेदारी निभाये?
हमारे समाज का नाम क्या है? सब बोलते है:- चंद्रवंशी समाजक्या आप जानते है कि इस माता रूपी चंद्रवंशी समाज ने हमारे देखभाल और संरक्षण के लिए एक व्यबस्था दिया है और उस ब्यबस्था का नाम क्या है ? * :- 👇🏼
*उसका नाम है *अ.भा.च.क्ष. महासभा जिसकी निबंधन संख्या :-2145/1912) जो कि 109 साल पुरानी है*।

अब हम सभी अपने आपसे ये सवाल करें कि इस महासभा के प्रति हम लोगो का कर्तव्य क्या है और हम कर क्या रहे है? इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है?👇🏼👇🏼

मेरे विचार से हमारी पहली जिम्मेदारी ये है कि आज से पुरानी सारी कमियों को भुलाकर समाज के सभी लोग महासभा में अपनी अटूट आस्था बनाये और समाज के अन्य लोगो को भी इसमे आस्था रखने के लिए प्रेरित करें। व्यक्ति विशेष पर टिका टिप्पणी बिल्कुल न करें।किसी में कोई कमी है तो उसे सुधारने में उनकी मदद करें। सुधरने के लिए उन्हें एक मौका दे। क्योंकि सब अपने है।हम सब एक है। छोटा हो या बड़ा,सबको उचित सम्मान दें और लें।
अपने नेतृत्व कर्ता पर भरोसा जताए। एक दूसरे को सहयोग करें। नेतृत्व कर्ता भी ध्यान रखे कि उनकी नज़र में हम सब बराबर है। एक समान है।उनके हक और अधिकार की सुरक्षा करें। ताकि सब का हौसला बढ़े और उनका आत्मसम्मान भी बना रहे
इस प्रकार हम संगठित ताकत के रूप में उभरेंगे। हमारी एक अलग पहचान होगी। फिर हम जो चाहें, ओ हासिल कर सकते है।
तो आइए एक साथ मिलकर संकल्प लेते है कि हम अपनी सामाजिक एकता और अखंडता को बनाने और उसे कायम रखने में भरपूर सहयोग करेंगे। ताकि हम अपने समाज के चहुमुखी विकास का लक्ष्य प्राप्त कर सकें।

विचार मेरा।फैसला हम सबका।

आपका हम सफर,

जयंत कु सिंह
भूतपूर्व वायु सैनिक
खगड़िया, बिहार।
7990665744 &
9374118444

सामाजिक

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मगध सम्राट जरासंध जी के संदर्भ में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में गलत टिप्पणी करना निंदनीय है! संपूर्ण भारतवर्ष के चंद्रवंशी समाज इसका घोर निंदा करते हैं और भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और कानून मंत्री से यह मांग करते हैं कि देश के करोड़ों चंद्रवंशीओ के भावना को कद्र करते हुए सम्राट जरासंध के संदर्भ में किए गए गलत टिप्पणी को अटॉर्नी जनरल वापस ले नहीं तो इनके विरोध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए !इन्हें बर्खास्त किया जाए !सम्राट जरासंध जाली नोट और भ्रष्टाचार के प्रतीक नहीं थे ! सम्राट जरासंध मजबूत इरादे वाले अपने वचन के पक्के महान शिव भक्त थे ! जो भी मानव के रूप में जन्म लिया है उससे एक दिन मरना होगा! पर सम्राट जरासंध इतने सौभाग्यशाली थे कि भगवान श्री कृष्ण के युक्ति से उनको मुक्ति मिली!