अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा के मिसन

चंद्रवंशी समाज के सर्वांगीण विकास के लिये संगठन के संस्थापक स्व० नथुनी बाबू ने जो मार्गदर्शन किये है और जो उनका सपना था यही मार्गदर्शन पर चलना और उनके सपना को साकार करना संगठन का मिसन हैं।

चंद्रवंशी समाज को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए बाबू नथुनी जी के कई योजनाये थी, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख योजना को साकार करना संगठन का प्रथम मिसन हैं, इनके पूर्ण होने के बाद आगे की योजना तैयार करेंगे।

संगठन के प्रमुख मिसन:

1. चंद्रवंशी समाज के संपन्न लोगों के सहयोग से बैंक की स्थापना करना और उसके 10 रु० के शेयर जारी कर चंद्रवंशियों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाना,

2. उच्च विद्यालय, महाविद्यालय एवं छात्रावास का निर्माण कराना,

3. महिलाओं के लिये कटाई-बुनाई शिल्पकला केंद्र की स्थापना करना,

आधुनिक योजना:

4. नई तकनीकी के अनुसार लोगों को जागरूक कराना, और परिवार के भरण पोषण और बच्चों को सही से परवरिश करने के लिए तथा ज्ञानी, बुद्धिजीवी बनाने के लिये प्रशिक्षित कराना ताकि नई वंशावली समृद्ध और मानसिक रूप से विकसित हो

5. चंद्रवंशी समाज के पुरातन खोई हुई शाख को पुनर्जीवित कर समृद्ध बनाना,

6. देश के प्रत्येक पंचायत में चंद्रवंशी धर्मशाला का निर्माण कराना, और असहायक व्यक्ति को सहायता प्रदान करवाना,

7. समाज में फिजूल खर्ची को रोकने के लिये सामूहिक विवाह कार्यक्रम को प्रखंड स्तर पर कराते रहना,

8. सम्पूर्ण देश में फैले चंद्रवंशियों के लिए और उनके समकक्ष लोगों को एक मंच पर लाकर संगठन को अखिल भारतवर्षीय स्तर प्रदान कराना,

9. सभी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े चंद्रवंशी समाज के नेताओं को आबादी के अनुपात में राजनीतिक लाभ दिलाने की दिशा में पहल करना,

10. राजगृह में महाराजा जरासंध का आदम कद मूर्ति लगवाना,

11. समाज के लोगों द्वारा समाज को प्रदान किया गया जमीन जायदाद को कुछ लोग जगह जगह पर संस्था/ट्रस्ट बनाकर निजी संपत्ति की तरह उपयोग कर रहे हैं, समाजहित में ऐसे लोगों से उस जायदाद को मुक्ति दिलाना हैं एवम् महासभा जो चंद्रवंशी समाज का अपना संगठन है से जोड़ना हैं।

12. समाज के बुद्धिजीवी होनहार बच्चों को देश और समाज के सेवा करने के लिए वैज्ञानिक, चिकित्सक, टेक्निशियन, शिक्षक बनाना हैं।

अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा संगठन के योजनाओं को पूर्ण कराना हमसभी के जिम्मेदारी हैं और इसके लिए हमसभी को निजी स्वार्थ त्यागकर समाज और देश को मजबूत बनाने में सहायता प्रदान करना हैं।

आइये हमसब मिलकर एक नई मजबूत स्वर्णिम संगठन के साथ अपने समाज को समृद्ध बनाये।

जय चंद्रदेव, जय भारत, जय जरासंध