Constitution in Hindi

अखिल भारतवर्षीय चन्द्रवंषी क्षत्रिय महासभा

निबंधन संख्या 2145/1912

मुल संविधान/नियमावली का हिन्दी अनुवाद

1. निम्न का आषय सामुदाय को पिछड़े स्थिति के विषय में दषा सुधार को अंगीकृत कर लक्ष्य की प्राप्ति है।
(क) कोष की वृद्धि
(ख) चन्द्रवंषीय रवानी क्षात्रियों के लड़के एवं लड़कीयों के बीच स्कुल पाठषाला एवं दुसरे संस्थान का निर्माण कर ज्ञान का उनमें प्रचार-प्रसार करना।
(ग) होनहार जवान चन्द्रवंषीय रवानी विद्यार्थियांे को उच्च षिक्षा के लिए योग्य बनाना।
(घ) एक पत्रिका (अखबार) को प्रकाषन जो उनके लिए किताबों या पुस्तिकाआंे के रूप् में विभिन्न विषयांे के उपयोगी एवं लाभकारी तथ्यों जो सामुदाय के लिए उपयुक्त हो।
(ड़) महासभा के कार्य:- भ्रमाणकारी उपदेष की नियुक्ति कर इस सामुदाय के लिए षिक्षा-विज्ञान, व्यापार, कल- कारखाने एवं हस्तकला को सामुदाय के
सदस्यों को अवगत करवाना एवं लोकप्रियता की जानकारी दिलवाना। (च) जनेउ धारण करने के लिए प्रोत्साहित करें। (छ) ऐसे कार्याे को करते हुए समय-समय एवं महासभा के तथ्यांे एवं उदेष्यों की जरूरतों को पूरा करना समझा जाय।
1. सभा किसी राजनैतिक सोसाइटी एवं मूल सिद्धान्त के कार्य एवं चाल-चलन से कोई सम्बंध नहीं होगा वह बिल्कुल विष्वसनीय से होगा।
2. सभा का आय जो सभी स्रोत से प्राप्त होगा बैंक के खाते मे सभा उधार खाता में जमा किया जायेगा और खजांची सभा के जेनेरल सचिव के निर्देष के अनुसार सभा खाता की आवष्यकता अनुसार निकासी की जायेगी।
3. सभा कीे प्राप्त सम्पति चाहे जिस भी स्रोत से प्राप्त होगा सभी ही केवल सम्पतियों का अधिकार प्राप्त होगा कोई व्यक्तिगत एवं ऑफिस कर्मचारी अपने तथा अपने लोगो के लिए एवं प्राईवेट कार्य में लगाने के लिए अधिकृत नहीं होगा।
4. सभा की प्राप्त सम्पति के लिए कोई भी कार्यालय का सदस्य सभ की सम्पति की हानी, नुकषान या क्षय का जिम्मेवार नहीं हो जब तक की सदस्यों की उपेक्षा लापरवाही उचित तत्परता का अभाव साबित नहीं होता है।
5. सभा का काम-काज का प्रबंध कार्यपालक समिती में निहित होगा जिसमें निम्नलिखित होगंेः-
(क) अध्यक्ष
(ख) उपाध्यक्ष
(ग) जेनरेल सेक्रेटरी
(घ)संयुक्त सचिव
(ड़) खंजांची
(च) पत्रिका के सम्पादक
(छ) पत्रिका के उपसम्पादक
(ज) पत्रिका के प्रबंधक
(झ) उपदेषक
() 20 चयनित सदस्य जो विभिन्न स्थानों से प्रतिनिधित्व करेंगे। 6. दफतर कर्मचारी और दुसरे कार्यपालक समिति के सदस्य वार्षिक सम्मेलन ( वार्षिक दफतर मीटिंग) में वोट के द्वारा चयन होगंे जो अगामी दुसरे वार्षिक सम्मेलन तक ऑफिस एवं सभा के लिए पदगग्रहण करेंगे।
बैठक एवं सम्मेलन
7. तीन​ प्रकार के बैठक होगेंः-
(क) कार्यपालक समिति की प्रति बैठक त्रिमाही होंगे
(ख) कार्यपालक समिति की गैरमामुली (असाधरण) बैठके होगी
(ग) वार्षिक सम्मेलन या वार्षिक जेनेरल बैठक मीटी्रंग
8. कार्यपालक समिती के कार्य प्रति त्रिमासिक निम्नलिखित होगें:-
(क) प्रेषण एवं चालु कामकाज
(ख) रिपोर्ट का उपस्थपित करना पुर्व त्रिमासिक बैठक की विवरणी
(ग) नियमों एवं वियमिनों में संषोधन या धट-बढ़ पर विचार करना जो सभा के लिए सिफारिस हेतु आवष्यक प्रतीत हो।
(घ) सभा के उदेदष्यों को अग्रसर करने के साधनों का अंगीकरण तथा उसके तथ्यांे पर विचार-विमर्ष करना जो इससे सम्बंधित हो।?
(ड़) पत्रिका का प्रकाषसन हेतु सामग्रियों को उपलब्ध कराना।
(च) उपदेषक के कामकाज की देखरेख।
9. जब कार्यपालक समिति के पॉच या अधिक सदस्यों द्वारा सामुहिक हस्तक्षरों के किन्हीं एक सचिवों से अनुरोध कर असाधारण बैठक की अविलम्ब मॉग सभा के कार्य विवरण हेतु करें तो वे ऐसे बैठक बुलावेंगे।
10. असाधारण बैठकों के लिए लिखित सात दिनों के सूचना, कार्यपालक समिति के बाबत बैठकों के लिए पन्द्रह दिनांे को तथा जेनेरल मीटींग (वार्षिक सम्मेलन) के बाबत में एक माह की सभा सूचना उनके स्थान, समय, दिनांक उदेष्य आदि लिखित रूप् में किन्हीं एक सचिवों द्वारा सूचना देय होगा।
11. वार्षिक सम्मेलन और नियम को सुधार में धट या बढ़ के लिए किसी एक सचिव को काफी समय दिया जाएगा जिससे वे वार्षिक जेनेरल मिटींग के कामकाज के लिस्ट में सम्मिलित किया जाएगा।
12. कार्यपालक समिती के असाधारण बैठकों एवं त्रिमासिक बैठाकों के लिए 10 (दस) सदस्यों का कोरम होगा तथा वार्षिक सम्मेलन के 50 ( पचास) सदस्यों को कोरम होगा।
13. बैठक में उपस्थित सदस्यों के मतो की बहुमत पर सभी मामला पर निर्णय लिया जाएगा।
14. संचालक को छोड़कर संकल्प के प्रति प्रत्येक को विष्वनीयता से अपना भाव विचार देने के लिए अवसर दिया जाएगा और संकल पके संचालक को उतर देने को अधिकार होगा।
15. कार्यपालक समिति के सदस्य या कार्यलय अनुचरण वार्षिक सम्मेलन के लिए तभी मत देने के लिए योग्य होगें यदि चन्दा के रकम को पूर्णरूपेण चुकता कर देंगे। अन्यथा कोई
भी सदस्य जिनका चन्दा की राषि बाकी होगी व ेमत देने से वंचित रह जाएंगे। 16. सम्मेलन के मिटिंग में जो सदस्य उपस्थित नहीं होंगे। मिटिंग के पाँच दिन पहले सचिव महोदय को वार्तालाप संबंधित अपना-अपना विचार भेज देगें। ऐसे विचारों को अपनी इच्छा से अध्यक्ष महोदय यदी उनको अच्छा लगेगा तो उसे विचार को प्रस्तुत करेंगे।
17. कार्यवाही समिति निम्नलिखित बही खाता एवं फाइलों को रख रखाव की अपेक्षा की जाती है।
(क) सभा द्वारा किए गये कार्यें का रजिस्टर
(ख) सभा के सदस्येां का नाम, पता और पेषा इत्यादि के ब्योरा का बही खाता।
(ग) सभा के आय-व्यय दिखाने के लिए नकद बही खाता
(घ) सभा की सम्पतियों फर्निचर तथा दुसरे सामग्रियों का स्टॉक रजिस्टर
(ड़) षाखा सभाओं को बही खाता
(च) पत्राचारों की फाइले
(छ) बिल बुक
(ज) रसीद बुक
(झ)सभी पत्रों के प्रेषण जिसमें क्रास कॉपी पत्र बुक
18. कार्यवाही समिति सभ के कार्यलय अनुचर की रिक्ति त्याग पत्र या मृत्यु या किसी अन्य कारणेां से ही वे किसी सदस्य को नियुक्त कर सकती हैं और जो आगामी वार्षिक जेनेरल मींटिग तक पद ग्रहण करने के लिए अधिकृत होगें।
वार्षिक सम्मेलन
19. सभा के वार्षिक जेनेरल मीटिंग में काम-काज का कार्य विवरण निम्नलिखित होंगेः-
(क) सम्मेलन के अध्यक्ष के कार्य और कार्यलय अनुचर और कार्यपालक समिति के दुसरे सदस्यों के कार्य-कलाप।
(ख)सचिव द्वारा वार्षिक रिपोर्ट का पठन एवं उनके अंगीकरण।
(ग)आगामी वर्ष के आय एवं व्यय की संभावित अनुमानित वार्षिक बजट रखना।
(घ) अनुमानित बजट और अंगीकरण हेतु बजट की विवेचना।
(ड़) समुदाय के पूर्णय धार्मिक और सामाजिक विषयों के प्रति लगाव पर भाषण देनौ
नेाट:- राजनैतिक चरित्र पर कोई भी विवेचना की अनुमाति नहीं दी जाएगी।
द्वितीय दिवस
(क) चन्द्रवंषीय (रवानी) क्षत्रिय, तथा पंडितों द्वारा विधि विधान का कार्यक्रम का प्रावधान।
(ख) भाषण (जैसा की उपर में)
(ग) अध्यक्षीय भाषण तथा सम्मेलन का समापन।
सदस्यता
21ण् कोई चन्द्रवंषी (रवानी), क्षत्रिय जो महाराज जरासंध्स और जो व्यक्ति बालिका एवं सभा के उदेष्यों के प्रति सहानुभूति और प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करेंगा सभा के सदस्य एवं वंषज होगा।
22. श्रेणिया सदस्यों की तीन श्रेणियां होगी।
प्रथम श्रेणी - वे जो 12 रूपया या अधिक एक वर्ष में (सहयोग राषि) चन्दा देगंे।
द्वितीय श्रेणी - जो छह रूपया प्रतिवर्ष
तृतीय श्रेणी - साधारण सदस्यता:- वे दो भागों में विभाजित है,
(क) वे जो तीन रूप्या प्रतिवर्ष सहयोग राषि
(ख) वे जो 1.50 रूपया प्रतिवर्ष सहयोग राषि देंगे।
23. उपरोक्त श्रेणी के सदस्यों को मीटिंग में मत देने का अधिकार प्राप्त होगा और कार्यवाही समिति के सदस्यों के चयन एवं कार्यकाल अनुचर के लिए उपयुक्त होगें लेकिन ऐसे कार्यावाही समिति के सदस्यों के कार्यकाल अनुचर के मध्य मे देा विभिन्न श्रेणियांे में उम्मीदवार के बहुमत पर निर्णय लिया जाएगा।
24. व्यक्ति जो आर्थिक मदद सभा को करने में असमर्थ हैं पर जो उत्साही कार्यकर्ता हैं जा सभा के उदेष्यों एवं तथ्यांे को प्रचार प्रसार करते है तथा जिनका विचार सभा के प्रति अच्छे हैं वे सदस्या प्रतिज्ञा-पत्र प्राप्त कराया जाऐगा और वे अपना हस्ताक्षर कर स्थानीय सभा के सचिव एवं अध्यक्ष से प्रमाण पत्र लेकर अपने-अपने नाम को सूचिबध्द करा सकते है।
25. सभा के पत्रिका प्रत्येक सदस्य को मुफत और खुले आम बिक्री होगी।
26. सदस्यों से आग्रह किया जाता हैं कि पत्रिका के लिए वार्षिक या अर्ध्द वार्षिक सहयोग राषि अग्रिम भुगतान करने पर भी.पी.पी. द्वारा उन्हंे भेजा जाएगा। 27. कोई विषिष्ट व्यक्ति सामुदाय में जो यथेष्ट अनुदान देते हैं या जो हस्तक्षार सेवा समुदाय की भलाई में कार्यरत रहता उसे अवैतनिक सदस्य कार्यवाही समिति का चयन किया जा सकता है। 28. अध्यक्ष एवं जेनेरल सचिव 28 रूपया और 15/- से अधिक क्रमष अविलम्ब बिना कार्यवाही समिति की अनुमति के खर्च कर सकते हैं। लकिन ऐसी खर्च के लिए कार्यवाही समिति से अगामी बैठक में अनुमति लेना है। सभी दुसरे व्यय कार्यवाही समिति से स्पष्ट मंजुरी लिया जाऐगा।
29. एक विषय जो समिति या सभा में निर्णय लिया गया है। वह छः माह के लिए पुनः उभारा नहीं जा सकता है।
30. सहायोग राषी (चन्दा) के कम से कम 5 प्रतिषत अनुदान एवं चन्दा से प्राप्त होते है। उसे कोष को जेनेरल कोष में अलग निकाल प्राप्त राषि से निकाल देंगे और सुरक्षित कोष होगा जिसे कार्यवाही समिति के विषेष संकल्प के द्वारा ही खर्च किया जा सकता हैं।
षाखा सभाए
31. कोई चन्द्रवंषीय (रवानी) क्षत्रिय षाखा-खाता का खाता किसी भी षहर में खोला जा सकता है इसमें सभा का अनुबन्ध(सम्बंध) कार्यवाही समिति दिया जा सकता है लेकिन कम से कम 10 प्रतिषत कुल षाखा सभा को सहायोग राषि (चन्दा) होना चाहिए तभी महासभा के सदस्य षाखा सभा होगा।
32. कम से कम षाखा सभा के पाँच सदस्य षाखा सभा होगा
33. महासभा के कार्यवाही समिति ाषाखा सभा को सम्बध्द तथा उसके रीति-रिवाज का नियम पारित करेगा- लेकिन ऐसे नियम एवं कायदे महासभा के उदेष्य एवं तथ्यों के अवगत न हो। 34. प्रत्येक सम्बध्द षाखा सभा अपने स्थानीय परिधि में उत्पन्न विषयों एवं मामलेां के बाबत जैसे संप्रदायिक मामलों को स्वतंत्र रूप् से निर्णय करने का अधिकृत होगा। सभा इन मामलों को किसी तरह के हस्तक्षेप नहीं करेगी जबतक षाखा सभा या पीड़ीत सदस्य या पराक्ष रूप् से मामलों को न भेजें। 35. षाखा सभा अपने निर्णय को महासभा या कार्यवाही समिति को समर्पण करना है।
36. कोई भी षाखा सभा का सदस्य महासभा का भी सदस्य बन सकता है तथा इसके विपरित।
37. ब्रांच सभा के कार्यवाही महासभा के पत्रिका में प्रकाषन षाखा सभा की इच्छानुसार छपेंगे।
38. पत्रिका षाखा सभा के अनुदान से निर्गत नहीं होगा।
39. ब्रांच सभा अपने-अपने सदस्यों के नाम एवं पता का रजिस्टर रखेंगे। थ्वतउ प्ट
सोसाईटी संविधान परिवर्तन हेतु थ्पससपदह (दायर)
पं बंगाल सोसाईटी, पंजीकरण अधिनियम 1961
ज्व निबंधन फर्म सोसाईटी, नन-ट्रेडिंग कॉरपोरेषन पं0 बंगाल
मैं यह नियम 9 के अधीन सोसाइटी के नियम;त्महदसंजपवदद्ध परिवर्तन के
संक्षिप्त विवरण के साथ (निम्नलिखित) समर्पित करता हुँ।
सोसाईटी के नामः- अखिल भारतीय चन्द्रवंषी क्षत्रिय महासभा
पंजिकरण सं0: 2145/1912
नियम (त्महनसंजपवद में परिवर्तन का विवरण)
परिवर्तन की तिथि
पूर्व स्थिति
परिवर्तित स्थिति
11.01.07 दपस बिन्दु सं 40 सोसाइटी का लेखा वर्ष प्रत्येक वर्ष के 01 अप्रैल से आगामी वर्ष के 31 मार्च तक का होगा। बिन्दु सं0 41 सोसाइटी लेखा पुस्त (।बबवनदज ठववा) केा धारा 15 (1) के ;।द्धए;ठद्ध के अनुसार रखेगी।
42(1) षासी निकाय(ळवअमतउपदह ठवकल) संस्था के कोष सम्पति समान की सुरक्षा के लिए उतरदायी होगा। (2) सोसईटी के कोष (निदक) को बैंक/पोस्ट ऑफिस/म्युचुअल फंड में रखा जायेगा तथा इंडियण ट्रस्ट एक्ट 1882 के धारा 20 के अर्न्तगत किसी सेक्युरिटी में इन्मेस्ट किया जा सकेगा।
43- लेखा-पुस्त तथा अन्य विधिक पुस्त कार्यालय मे रखा जायगे तथा किसी सदस्य द्वारा निरीक्षण हेतु लिखित अनुरोध पर षासी निकाय के निर्देषानुसार समय व स्थान पर उपलब्ध होगा।
44- पं बंगाल सोसाईटी र0 जि0 एक्ट 1961 के धारा 24 की व्यवस्था के अर्न्तगत या कोई वैधानिक सुधार बदल(डवकपंिबंजपवद) के अर्न्तगत सोसाईटी के साधारण बैठक (ळमदमतंस डममजपदह) के तीन चौथाई सदस्यों के एक संकल्प द्वारा सोसाईटी को भंग (क्पेेवसअम) किया जा सकेगा। उपरोक्त बैठक, सोसाइटी के विघटन के बाइ निघटित के कोष, सम्पति आदि के निपटारे संबंधी निधि(तरीकों) का निर्णय भी कर देगी।
क्पेइनतेमउमदजद्ध सोसाइटी के अध्यक्ष/ सचिव का हस्ताक्षर प्रामणित सत्य प्रतिनिधि संयुक्त निबंधक